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Friday, July 6, 2012

सागर हुआ है प्यासा

हो गयी चाँद को हैरानी, सागर हुआ है प्यासा,
निगाहों ने मेरी खातिर ऐसा चेहरा है तलाशा,
उजड़े हुए चमन में फिर से फूल खिल गया हो,
मेरे रब ने, जैसे खुद किसी, हीरे को हो तरासा,
यारों दिन में भी हो जाए अंधेरों का  इजाफा,
उसकी सूरत जो न दिखे तो बढ जाती है निराशा,
ये पहाड़ सी जिंदगानी चुटकी में गुजर जाए,
तेरा साथ जो मिले, मुझको राहों में जरा सा,
तू ही दिल की आरजू, तू ही प्यार की परिभाषा,
तूफां में बुझ रहे चरागों की तू है आशा.......

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