भारत की सरकार में , शकुनी जैसे लोग,
आम आदमी के लिए , नित्य परोसें रोग
आम आदमी के लिए , नित्य परोसें रोग
नित्य परोसें रोग , नहीं मिलता छुटकारा,
ढूँढे कौन उपाय , हुआ मानव बेचारा
महिलायें हर रोज , अपना मान हैं हारत,
बदले रीति रिवाज, बदलता जाए भारत...
बहुत बढ़िया!
ReplyDeleteवर्तमान हालात का सही चित्रण किया है आपने!
बढ़िया कुण्डलियाँ... वर्तमान भारत का लेखाजोखा...
ReplyDeleteसामायिक,बेहतरीन कुंडली,,,,
ReplyDeleteRecent post: रंग,
बहुत ही सार्थक कुंडलियाँ है आज के हालात पर,अतिसुन्दर.
ReplyDeleteआज के हालत को दर्शाती सटीक कुण्डलियाँ ..
ReplyDeleteबेहतरीन....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल गुरूवार (07-03-2013) के “कम्प्यूटर आज बीमार हो गया” (चर्चा मंच-1176) पर भी होगी!
सूचनार्थ.. सादर!
आज के हालात को दर्शाती प्रभावशाली कुंडली...
ReplyDeleteआजकल के हालत बयाँ करती आपकी ये ताजा गजल बहुत खूब
ReplyDeleteवसे भी में आपकी गजल का प्रेमी हूँ बस कोशिस करता हूँ की आप से और आपकी गजलो से सिखु
इस संदर्भ में मेरा मार्गदर्शन करे
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
तुम मुझ पर ऐतबार करो ।
बढ़िया है -
ReplyDeleteबधाई |
भारत की सरकार में , शकुनी जैसे लोग,
ReplyDeleteआम आदमी के लिए , नित्य परोसें रोग
नित्य परोसें रोग , नहीं मिलता छुटकारा,
ढूँढे कौन उपाय , हुआ मानव बेचारा
महिलायें हर रोज , अपना मान हैं हारत,
बदले रीति रिवाज, बदलता जाए भारत...
बहुत सशक्त कुण्डलियाँ हैं जीवन और राजनीतिक विद्रूप से रु -ब -रु .
वाह ... कमाल का व्यंग है आज के हालात पे ...
ReplyDeleteमज़ा आ गया ...
Na badala bharat
ReplyDeletena badale vichar...
Par apki rachana se
shayad badale ye Sansar......
Ati Sundarrrr Arun Sir..