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Wednesday, March 6, 2013

कुण्डलिया

भारत की सरकार में , शकुनी जैसे लोग,
आम आदमी के लिए , नित्य परोसें रोग

नित्य परोसें रोग , नहीं मिलता छुटकारा,
ढूँढे  कौन  उपाय  ,  हुआ  मानव  बेचारा 

महिलायें हर रोज , अपना मान हैं हारत,
बदले रीति रिवाज, बदलता जाए भारत...

12 comments:

  1. डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)March 6, 2013 at 12:39 PM

    बहुत बढ़िया!
    वर्तमान हालात का सही चित्रण किया है आपने!

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  2. संध्या शर्माMarch 6, 2013 at 1:57 PM

    बढ़िया कुण्डलियाँ... वर्तमान भारत का लेखाजोखा...

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  3. धीरेन्द्र सिंह भदौरियाMarch 6, 2013 at 3:18 PM

    सामायिक,बेहतरीन कुंडली,,,,

    Recent post: रंग,

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  4. Rajendra KumarMarch 6, 2013 at 3:44 PM

    बहुत ही सार्थक कुंडलियाँ है आज के हालात पर,अतिसुन्दर.

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  5. आज के हालत को दर्शाती सटीक कुण्डलियाँ ..
    बेहतरीन....

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  6. डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)March 6, 2013 at 7:35 PM

    बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    --
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल गुरूवार (07-03-2013) के “कम्प्यूटर आज बीमार हो गया” (चर्चा मंच-1176) पर भी होगी!
    सूचनार्थ.. सादर!

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  7. Shalini RastogiMarch 6, 2013 at 9:58 PM

    आज के हालात को दर्शाती प्रभावशाली कुंडली...

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  8. दिनेश पारीकMarch 7, 2013 at 9:25 AM

    आजकल के हालत बयाँ करती आपकी ये ताजा गजल बहुत खूब
    वसे भी में आपकी गजल का प्रेमी हूँ बस कोशिस करता हूँ की आप से और आपकी गजलो से सिखु
    इस संदर्भ में मेरा मार्गदर्शन करे
    आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
    तुम मुझ पर ऐतबार करो ।

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  9. रविकरMarch 7, 2013 at 11:54 AM

    बढ़िया है -
    बधाई |

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  10. Virendra Kumar SharmaMarch 7, 2013 at 10:40 PM

    भारत की सरकार में , शकुनी जैसे लोग,
    आम आदमी के लिए , नित्य परोसें रोग

    नित्य परोसें रोग , नहीं मिलता छुटकारा,
    ढूँढे कौन उपाय , हुआ मानव बेचारा

    महिलायें हर रोज , अपना मान हैं हारत,
    बदले रीति रिवाज, बदलता जाए भारत...

    बहुत सशक्त कुण्डलियाँ हैं जीवन और राजनीतिक विद्रूप से रु -ब -रु .

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  11. दिगम्बर नासवाMarch 10, 2013 at 1:06 PM

    वाह ... कमाल का व्यंग है आज के हालात पे ...
    मज़ा आ गया ...

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  12. Sukeshni TanwarMarch 25, 2013 at 5:51 PM

    Na badala bharat
    na badale vichar...

    Par apki rachana se
    shayad badale ye Sansar......

    Ati Sundarrrr Arun Sir..

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