याद करना याद आना,
छोड़ दो या मार जाना,
आज है तुझको बताना,
दाग से दामन बचाना,
हार कर आंसू बहाना .....
ठीक ये बिलकुल नहीं है,
हार कर आंसू बहाना .....
बहुत खूब ... शेर में अपनी बात को बहुत स्पष्ट रक्खा है ... लाजवाब ...
सीधे सीधे सरल भावों वाली गज़ल ... शेर नं. 3 में आक्रोश है वहीं लास्ट वाले में हिम्मत बांधी हैं।
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ठीक ये बिल्कुल नहीं है,
प्रत्युत्तर देंहटाएंहार कर आंसू बहाना ...
बिल्कुल सही
बेहतरीन प्रस्तुति
आभार सदा दी
हटाएंठीक ये बिलकुल नहीं है,
प्रत्युत्तर देंहटाएंहार कर आंसू बहाना .....
बिलकुल...
सुन्दर रचना....
शुक्रिया रीना जी
हटाएंजीता वही है इस जहाँ में
प्रत्युत्तर देंहटाएंजिसने सीखा है हमेशा
ग़म में भी मुस्कुराना....
सुन्दर रचना...
तहे दिल से शुक्रिया संध्या दी
हटाएंठीक ये बिलकुल नहीं है,
प्रत्युत्तर देंहटाएंहार कर आंसू बहाना .....
...बिल्कुल सही...बहुत सुन्दर रचना..
आभार आदरणीय कैलाश सी
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