Pages

आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

Wednesday, March 13, 2013

चाहत अथाह है

ना देखा आपने,
चाहत अथाह है,

मुखड़ा आपका,
रखती निगाह है,

मैं पूजूं आपको,
दिल की सलाह है,

मेरी तो आपमें,
मंजिल है राह है,

रजा में आपकी,
सब कुछ पनाह है,

सिर्फ ये दिल नहीं,
जान भी तबाह है.

7 comments:

  1. धीरेन्द्र सिंह भदौरियाMarch 13, 2013 at 2:36 PM

    उम्दा प्रस्तुति,

    Recent post: होरी नही सुहाय,

    ReplyDelete
  2. सरिता भाटियाMarch 13, 2013 at 4:58 PM

    वाह क्या बात है ?

    ऐसी ही चाहत की,
    दोस्तों को चाह है.

    ReplyDelete
  3. बहुत ही सुन्दर सार्थक प्रस्तुति मित्र.

    ReplyDelete
  4. रविकरMarch 13, 2013 at 5:33 PM

    भाई मेरी तो वाह वाह है-
    बधाईयाँ

    ReplyDelete
  5. दिलबाग विर्कMarch 13, 2013 at 8:32 PM

    आपकी प्रविष्टि कल चर्चा मंच पर है
    धन्यवाद

    ReplyDelete
  6. Rohitas ghorelaMarch 15, 2013 at 8:30 AM

    सुचना ****सूचना **** सुचना

    सभी लेखक-लेखिकाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सुचना सदबुद्धी यज्ञ


    (माफ़ी चाहता हूँ समय की किल्लत की वजह से आपकी पोस्ट पर कोई टिप्पणी नहीं दे सकता।)

    ReplyDelete
  7. Rohitas ghorelaApril 3, 2013 at 7:41 AM

    waah bahut gajab ... :)

    ReplyDelete
Add comment
Load more...

आइये आपका स्वागत है, इतनी दूर आये हैं तो टिप्पणी करके जाइए, लिखने का हौंसला बना रहेगा. सादर