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Wednesday, June 27, 2012

दिल में हलचल है कुछ दिनों से

दिल में हलचल है कुछ दिनों से,
मिल रहा दर्द ही दर्द पलछिनो से,
हालात हैं कि सुधर पाते नहीं,
साथ छूटा गया मेरा परिजनों से,
दिन गुजरता है बड़ी मुस्किल में,
और रात कटती नहीं उलझनों से,
चोट मिली है ऐतबार पे, बार - बार,
दोस्त जाकर मिल गए हैं दुश्मनों से,
जहाँ धारदार हथियार काम ना आया,
वहां लाशें बिछ गयी हैं चिलमनों से,
मैं जब - जब, तेरा नाम पुकारता हूँ ,
आवाज आती हैं चिल्लाने की बर्तनों से......

4 comments:

  1. yashoda agrawalJune 27, 2012 at 6:50 PM

    शनिवार 30/06/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. आपके सुझावों का स्वागत है . धन्यवाद!

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  2. अरुन शर्माJune 28, 2012 at 11:39 AM

    बहुत -२ शुक्रिया यशोदा जी...

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  3. यशवन्त माथुर (Yashwant Mathur)June 30, 2012 at 12:34 PM

    बहुत ही बढ़िया



    सादर

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  4. S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')July 1, 2012 at 4:25 PM

    बहुत खूब....

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