बेहद चाहता है मुझको बड़ा चाव करता है.
अब दर्द मेरे दिल का रखरखाव करता है.
खुशियाँ मेरे दर पर दस्तक भी नहीं देती
इस कदर ये जख्म मेरा बचाव करता है
यूँ तो सुकून मिलता नहीं तुझे "अरुन"
उसपर यादों का पल बहुत घाव करता है
कुछ ऐसे पड़ गयी है मुस्किल में जान मेरी
गम मेरी जिंदगी से मोल-भाव करता है.
अब दर्द मेरे दिल का रखरखाव करता है.
खुशियाँ मेरे दर पर दस्तक भी नहीं देती
इस कदर ये जख्म मेरा बचाव करता है
यूँ तो सुकून मिलता नहीं तुझे "अरुन"
उसपर यादों का पल बहुत घाव करता है
कुछ ऐसे पड़ गयी है मुस्किल में जान मेरी
गम मेरी जिंदगी से मोल-भाव करता है.
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