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Thursday, March 29, 2012

मैं तेरी मोहोब्बत का गुनाह भर लूँ,

मैं तेरी मोहोब्बत का गुनाह भर लूँ,
दर्द का दिल में आज गवाह भर लूँ,
सेंक ले जिस्म अपना मेरी सांसो से
मैं ज़रा गरम गरम आह भर लूँ,
खोल दे एक पल के दरवाजा प्यार का
मैं उम्र भर के लिए चाह भर लूँ,
पलट कर देख एक बार बस प्यार से
तेरी तस्वीर से अपनी निगाह भर लूँ,

4 comments:

  1. Sunil KumarMarch 29, 2012 at 6:02 PM

    भगवान आपकी इच्छा पूरी करें :)

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  2. dr.mahendragMarch 29, 2012 at 6:06 PM

    bahut kasak ke saath likhi kavita

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  3. Handa1956March 30, 2012 at 7:27 AM

    You are the best shayerji Kamal kar dia !!!!

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  4. Arun SharmaMarch 31, 2012 at 5:00 PM

    बहुत बहुत शुक्रिया मेहरबानी

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