मोहोब्बत मुझपे कुछ इस कदर मेहरबान हुई,
दिल लुट गया मुस्किल में मेरी जान हुई.
वफ़ा का एहसास मुझे भी हुआ तब ,
जब एक बेवफा से मेरी पहचान हुई.
प्यार में प्यार नहीं, गम मिलता है,
खुशियों का मौसम ज़रा कम मिलता है.
नाज़ुक हालत बन जाते है बिन बनाये ,
आँखों में अश्क से बना ओस हरदम मिलता है.
शुरू होता है बेकरारी का सिलसिला,
हर लम्हा गीला-२ तो कभी नम मिलता है.
अब प्यार किया है तो ये सब तो होगा ही ... इसका भी अपना ही मज़ा है ..
ReplyDeleteअच्छे अलफ़ाज़ पिरोये हैं ...
bahut hi khoobsurat andaz
ReplyDeleteधन्यवाद दोस्तों
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