मोहोब्बत इस कदर दगा देती है, दर्द उम्रभर का जगा देती है.
पराये कर देती है रिश्ते सारे, यादों का साया पीछे लगा देती है.
गम से भर देती है घर सारा, ख़ुशी को मार कर भगा देती है.
सूख पाते नहीं फिर कभी ये जख्म इतना ज्यादा सगा देती है.
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