पृष्ठ

आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

सोमवार, 18 नवंबर 2013

दोहे : अरुन शर्मा 'अनन्त'

...................... दोहे ......................

मन से सच्चा प्रेम दें, समझें एक समान ।
बालक हो या बालिका, दोनों हैं भगवान ।।

उत्तम शिक्षा सभ्यता, भले बुरे का ज्ञान ।
जीवन की कठिनाइयाँ, करते हैं आसान ।।

नित सिखलायें नैन को, मर्यादा सम्मान ।
हितकारी होते नहीं, क्रोध लोभ अभिमान ।।

ईश्वर से कर कामना, उपजें नेक विचार ।
भाषा मीठी प्रेम की, खुशियों का आधार ।

सच्चाई ईमान औ, सदगुण शिष्टाचार ।
सज्जन को सज्जन करे, सज्जन का व्यवहार ।।

12 टिप्‍पणियां:

  1. चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’18 नवंबर 2013 को 1:51 pm

    बहुत ख़ूब! वाह!

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  2. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक18 नवंबर 2013 को 3:19 pm

    सुन्दर दोहे।

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  3. Digamber Naswa18 नवंबर 2013 को 3:53 pm

    ईश्वर से कर कामना, उपजें नेक विचार ।
    भाषा मीठी प्रेम की, खुशियों का आधार ।...

    पूर्णतः सहमत अआपकी बात से ... सभी दोहे सार्थक, जीवक के अनुभव की बात करते हुए ... मन को छूने वाले हैं ...

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  4. सुशील कुमार जोशी18 नवंबर 2013 को 9:44 pm

    बहुत सुंदर !

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  5. Rajesh Kumari18 नवंबर 2013 को 11:00 pm

    आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार१९/११/१३ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी आपका वहाँ हार्दिक स्वागत है।

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  6. Neeraj Kumar19 नवंबर 2013 को 8:47 am

    सुन्दर दोहे ..

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  7. अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)19 नवंबर 2013 को 1:32 pm

    सुन्दर नीतिपरक दोहे...........

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  8. अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)19 नवंबर 2013 को 1:35 pm

    सुन्दर नीतिपरक दोहे, बधाई......

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  9. रश्मि शर्मा19 नवंबर 2013 को 10:48 pm

    बढ़ि‍या...

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  10. Virendra Kumar Sharma20 नवंबर 2013 को 12:07 am

    सच्चाई ईमान औ, सदगुण शिष्टाचार ।
    सज्जन को सज्जन करे, सज्जन का व्यवहार ।।

    बहुत सुन्दर है अनंत भाई अरुण -

    पानी से पानी मिले ,मिले कीच से कीच ,

    अच्छों को अच्छे मिलें ,मिलें नीच को नीच।

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  11. Reena Maurya20 नवंबर 2013 को 11:34 am

    बहुत ही बेहतरीन और सार्थक भाव लिए दोहे...
    :-)

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  12. सदा20 नवंबर 2013 को 12:41 pm

    ईश्वर से कर कामना, उपजें नेक विचार ।
    भाषा मीठी प्रेम की, खुशियों का आधार ।...
    भावमय करते शब्‍दों का संगम ...

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
टिप्पणी जोड़ें
अधिक लोड करें...

आइये आपका स्वागत है, इतनी दूर आये हैं तो टिप्पणी करके जाइए, लिखने का हौंसला बना रहेगा. सादर