रख के हाँथ गाल पे यूँ देखना मुझको.
निकाल के दिल जिस्म से फेंकना मुझको.
लग गयी सर्दी मुझे तेरे प्यार की
अपनी गर्म साँसों से ज़रा सेंकना मुझको.
लूट लो मुझको और मुझपे लुट जाओ.
बना के अपना फिर न बेंचना मुझको.
No comments:
Post a Comment
आइये आपका स्वागत है, इतनी दूर आये हैं तो टिप्पणी करके जाइए, लिखने का हौंसला बना रहेगा. सादर