जो दर्द थोडा कम करे वो दवाई नहीं मिली,
जख्मो से मुझे अबतक रिहाई नहीं मिली,
ठहरी हैं, जमीं हैं, बेबस मेरी निगाहें,
बरसो से अभी तक वो न दिखाई नहीं मिली,
चुपचाप बैठा है खामोश मेरा दिल,
आवाज धडकनों की भी सुनाई नहीं मिली,
बदनाम कर दिया मुझे तेरे इश्क ने,
मेरे प्यार में तुझे तो बुराई नहीं मिली ..
जख्मो से मुझे अबतक रिहाई नहीं मिली,
ठहरी हैं, जमीं हैं, बेबस मेरी निगाहें,
बरसो से अभी तक वो न दिखाई नहीं मिली,
चुपचाप बैठा है खामोश मेरा दिल,
आवाज धडकनों की भी सुनाई नहीं मिली,
बदनाम कर दिया मुझे तेरे इश्क ने,
मेरे प्यार में तुझे तो बुराई नहीं मिली ..
बहुत सुंदर और भावमयी अभिव्यक्ति...
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शुक्रिया - अभिवादन
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