ग़ज़ल
बह्र: रमल मुसम्मन् मख्बून मक्तुअ
गम छुपाये न बने जख्म दिखाये न बने,
आह जब पीर बढ़े वक़्त बिताये न बने,
रेशमी जुल्फ घनी, नैन भरे काली घटा,
संगमरमर सा बदन हाय भुलाये न बने,
शबनमी होंठ गुलाबों से अधिक कोमल हैं,
सेतु तारीफ का मुश्किल है बनाये न बने,
रातरानी सी जो मुस्कान खिली होंठों पर,
हुस्न कातिल ये तेरा जान बचाये न बने
मौत जिद पे है अड़ी साथ लेके जाने को,
क्या बने बात जहाँ बात बनाये न बने...
गम छुपाये न बने जख्म दिखाये न बने,
आह जब पीर बढ़े वक़्त बिताये न बने,
रेशमी जुल्फ घनी, नैन भरे काली घटा,
संगमरमर सा बदन हाय भुलाये न बने,
शबनमी होंठ गुलाबों से अधिक कोमल हैं,
सेतु तारीफ का मुश्किल है बनाये न बने,
रातरानी सी जो मुस्कान खिली होंठों पर,
हुस्न कातिल ये तेरा जान बचाये न बने
मौत जिद पे है अड़ी साथ लेके जाने को,
क्या बने बात जहाँ बात बनाये न बने...
रेशमी जुल्फ घनी, नैन भरे काली घटा,
प्रत्युत्तर देंहटाएंसंगमरमर सा बदन हाय भुलाये न बने
प्रेम रस से सराबोर बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुती,बार बार पढने को जी चाहता है।
वाह बहुत उम्दा गजल ,,,
प्रत्युत्तर देंहटाएंRECENT POST :"सवैया छंद"फूल बिछा न सको
वाह, बहुत खूब व सशक्त
प्रत्युत्तर देंहटाएंरातरानी सी जो मुस्कान खिली होंठों पर,
प्रत्युत्तर देंहटाएंहुस्न कातिल ये तेरा जान बचाये न बने
वाह बहुत सुंदर ,
रेशमी जुल्फ घनी, नैन भरे काली घटा,
प्रत्युत्तर देंहटाएंसंगमरमर सा बदन हाय भुलाये न बने,...
होता है जब इश्क परवान बन के चढ़ता है ...
लावाब गज़ल है ...
खुबसूरत गजल
प्रत्युत्तर देंहटाएंअरुण
बेहतरीन ग़ज़ल भाई जी
प्रत्युत्तर देंहटाएंकुछ ले लेते
प्रत्युत्तर देंहटाएं:)
बहुत सुंदर !
बहुत बढियां गजल..
प्रत्युत्तर देंहटाएं:-)
सभी पाठकों को हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} परिवार की ओर से शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
प्रत्युत्तर देंहटाएं--
सादर...!
ललित चाहार
शिक्षक दिवस और हरियाणा ब्लागर्स के शुभारंभ पर आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि ब्लॉग लेखकों को एक मंच आपके लिए । कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा | यदि आप हरियाणा लेखक के है तो कॉमेंट्स या मेल में आपने ब्लॉग का यू.आर.एल. भेज ते समय HR लिखना ना भूलें ।
चर्चा हम-भी-जिद-के-पक्के-है -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल चर्चा : अंक-002
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सुंदर प्रस्तुति।।।
प्रत्युत्तर देंहटाएंbhai Husn katil hai jan bachaye na bache ......gajal ke hr sher lajbab ...badhai apko
प्रत्युत्तर देंहटाएंpyari or sundar prastuti......
प्रत्युत्तर देंहटाएंHota hau bandhu ishk me aisa hee hota hai . Behatareen gazal.
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