Monday, June 18, 2012

कहती है जिंदगी

कहती है जिंदगी की शहद, ले चलो,
दुखों से भी ऊँचा सदा कद, ले चलो,
जीत लो मुस्कुराहटों से जंग-ऐ-मैदान,
रखकर काँधे पे ख़ुशी की हद, ले चलो,
तब्दील कर दे जो दुश्मन को दोस्ती में,
जुबाँ पे मीठे इतने शबद, ले चलो..........

5 comments:

  1. डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)June 18, 2012 4:59 AM

    बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (19-06-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  2. अरुन शर्माJune 18, 2012 5:14 AM

    धन्यवाद SIR

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  3. Anupama TripathiJune 18, 2012 6:39 AM

    वाह ....बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ...!!
    शुभकामनायें ..!!

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  4. anaJune 18, 2012 9:13 PM

    kya bat....din ki mithi shuruat

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  5. अरुन शर्माJune 20, 2012 3:42 AM

    बहुत बहुत शुक्रिया

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