पब्लिक डिस्प्ले ऑफ अफेक्शन यानी सार्वजनिक प्यार को समझना

सड़क पर हाथ पकड़ना, गले लगना या छोटा‑सा चुंबन—ये सब ‘पब्लिक डिस्प्ले ऑफ अफेक्शन’ (पीडिए) कहलाते हैं। भारत में अक्सर इसे लेकर दो तरह की राय सुनने को मिलती है: एक तरफ़ लोग इसे प्यार का खुला इज़हार मानते हैं, और दूसरी तरफ़ कुछ इसे असभ्य या अनादरपूर्ण देखते हैं। तो असल में यह कहां से आया और हमें इसे कैसे संभालना चाहिए?

क्यों बढ़ रहा है पब्लिक डिस्प्ले ऑफ अफेक्शन?

आजकल सोशल मीडिया, फिल्मों और विज्ञापनों ने रिश्तों को खुलकर दिखाने को ‘नॉर्मल’ बना दिया है। युवा वर्ग अपने प्यार को सार्वजनिक जगहों पर दिखाकर अपनी खुशी साझा करना चाहता है। साथ ही, कई बड़े शहरों में जीवनशैली तेज़ है, इसलिए लोग अपने रिश्तों को जल्दी से दिखाना चाहते हैं—ताकी कोई भी ‘साथी’ या ‘गर्लफ्रेंड’ का सवाल न पूछे।

समाजिक मान्यताएँ और सीमाएँ

भारत एक विविधतापूर्ण देश है, जहाँ हर राज्य, हर समुदाय की अपनी रिवाज़ें हैं। कुछ जगहों पर दो लोग बस हाथ में हाथ डाल कर चलें, तो वही शहर में एक ही जमाने में दो लोग गले लगते ही ‘स्कैंडल’ बन जाता है। इसलिए पीडिए को दिखाते समय स्थानीय माहौल देखना जरूरी है। सार्वजनिक जगहों में बुज़ुर्ग, बच्चों और धार्मिक स्थलों के पास विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए।

अगर आप किसी ऐसी जगह पर हैं जहाँ लोग अक्सर पीडिए नहीं देखते, तो छोटे‑छोटे इशारे जैसे आँखों में मुस्कान या हल्की झलकिया पर्याप्त होती हैं। इससे आपका साथी समझ जाएगा और आप दोनों की भावनाएँ भी सुरक्षित रहेंगी।

कौन‑सी जगहों पर पीडिए ठीक है? साफ‑सुथरे पार्क, शॉपिंग मॉल के ओपन एरिया, या कॉलेज कैंटीन में हल्का हाथ‑पकड़ना अक्सर स्वीकार्य माना जाता है। दूसरी ओर, मंदिर, मस्जिद, स्कूल, या सड़कों के भीड़भाड़ वाले हिस्से में ज़्यादा इंटिमेट इशारे से बचें।

एक और बात की ध्यान रखें—आपके आसपास के लोग कैसे महसूस कर रहे हैं? अगर कोई असहज दिख रहा हो, तो बस एक मुस्कान या हाथ हटाकर स्थिति को हल्का कर लें। इस तरह आप न केवल अपने रिश्ते की इज्जत बचाते हैं, बल्कि दूसरों की भी भावनाओं का सम्मान करते हैं।

जब कभी आपको ‘पीडिए’ की आलोचना मिलती है, तो यह समझें कि वह व्यक्ति शायद अपने परम्पराओं या व्यक्तिगत अनुभवों से जुड़ी भावनाएँ रखता है। बहस में उलझने की बजाय, सौम्य भाषा में अपनी भावना स्पष्ट करें—जैसे, “हम बस थोड़ी‑सी खुशी साझा कर रहे हैं, अगर असुविधा हुई तो खेद है।” इस तरह का जवाब अक्सर टेंशन को कम कर देता है।

समाप्ति में, सार्वजनिक प्यार को दिखाने का मूल उद्देश्य खुशी बाँटना है, न कि दूसरों को बेतरतीब महसूस कराना। परिस्थिति, जगह और लोगों को देख कर अपने इशारों को समायोजित करना ही सबसे अच्छा तरीका है। इस सादगी से आप अपना प्यार खुलकर जताएंगे, साथ ही सामाजिक शालीनता भी बनाए रखेंगे।

श्रिया सरन ने ट्रोल्स को दिया जवाब: ‘ड्रिश्यम 2’ स्क्रीनिंग पर सार्वजनिक किस पर क्या कहा

सित॰, 12 2025| 0 टिप्पणि

‘ड्रिश्यम 2’ की स्क्रीनिंग पर पति आंद्रेई कोसोचीव को किस करने पर श्रिया सरन ट्रोल हुईं। एक्ट्रेस ने कहा—आंद्रेई को लगता है, मेरे खास पलों में प्यार जताना सामान्य है और मुझे यह खूबसूरत लगता है। वे नेगेटिव कमेंट्स नहीं पढ़तीं और ट्रोल्स को इग्नोर करती हैं। सोशल मीडिया पर बहस फिर वही—सेलिब्रिटी की निजी आज़ादी बनाम सार्वजनिक शिष्टाचार।